संजीवन लेने बजरंगी पवन वेग से आए लिरिक्स

संजीवन लेने बजरंगी,
पवन वेग से आए,
पर्वत हाथ उठाए,
पर्वत हाथ उठाए,
ढूंढ ढूंढ कर हार गए जब,
बूटी खोज ना पाए,

पर्वत हाथ उठाए।।
sanjivan lene bajrangi pawan veg se aaye lyrics

तर्ज – ऐसी मस्ती कहाँ मिलेगी।
ये भी देखें – लेके संजीवनी संकट को।



नील गगन में लगा की मानो,

एक भूचाल सा आया,
समझ के दानव भाई भरत ने,
झटपट तीर चलाया,
पाँव में तीर लगा वो घायल,
हो के धरा पे आए,
Bhajan Diary Lyrics,
पर्वत हाथ उठाए,
पर्वत हाथ उठाए।।



मुझे से राम का नाम सुना तो,

भरत यूँ पूछन लागे,
कौन हो तुम और कहाँ से आए,
जाना कहाँ है आगे,
लक्ष्मण की मूर्छा का किस्सा,
हनुमत उन्हें सुनाए,
पर्वत हाथ उठाए,
पर्वत हाथ उठाए।।



सुबह की पहली किरण से पहले,

मुझको वहां है जाना,
घायल कैसे उड़ पाएगा,
भाई जरा बताना,
भरत जी बोले तीर पे बैठो,
ये तुमको पहुंचाए,
पर्वत हाथ उठाए,
पर्वत हाथ उठाए।।



सूरज उगने वाला था प्रभु,

राम का दिल घबराया,
उसी समय संजीवन लेकर,
कपि वहां पर आया,
‘हर्ष’ कहे रघुनन्दन उनको,
अपने गले लगाए,
Bhajan Diary Lyrics,
पर्वत हाथ उठाए,
पर्वत हाथ उठाए।।



संजीवन लेने बजरंगी,

पवन वेग से आए,
पर्वत हाथ उठाए,
पर्वत हाथ उठाए,
ढूंढ ढूंढ कर हार गए जब,
बूटी खोज ना पाए,

पर्वत हाथ उठाए।।

Singer – Swati Agarwal


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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