Home Blog Page 149
जनम जिस दिन हुआ समझो कभी तो मौत भी होगी लिरिक्स

जनम जिस दिन हुआ समझो कभी तो मौत भी होगी लिरिक्स

0
जनम जिस दिन हुआ समझो, कभी तो मौत भी होगी, सुबह होने से पहले तय, है आगे रात भी होगी, जनम जिस दिन हुआ समझों, कभी तो मौत भी...
श्याम मेरा काला है कृष्ण भजन लिरिक्स

श्याम मेरा काला है कृष्ण भजन लिरिक्स

0
मेरी श्यामा गोरी गोरी, श्याम मेरा काला है, काला है मतवाला है, हाँ काला है मतवाला है, मेरी श्यामा गोरी गोरी, श्याम मेरा काला हैं।bd। श्यामा मेरी ब्रज की रानी, देव...
काना मार गयी रे तेरी तिरछी नजर लिरिक्स

काना मार गयी रे तेरी तिरछी नजर लिरिक्स

0
काना मार गयी रे, तेरी तिरछी नजर।bd। भर पिचकारी मारी मोरे तन पे, प्रेम की जोत जगी मोरे मन में, रंग डार गयी रे, तेरी तिरछी नजर।bd। हाथ पकड़ मोरी...
है चाँद से ज्यादा सोना मेरा श्याम सलोना लिरिक्स

है चाँद से ज्यादा सोना मेरा श्याम सलोना लिरिक्स

0
है चाँद से ज्यादा सोना, मेरा श्याम सलोना, मन लूट के ले गया मन मोना, मेरा श्याम सलोना, लट घुँघराली काली काली, बातें सारी जादूवाली, कर गया जादू टोना, मेरा श्याम...
जो भी भला बुरा है श्री राम जानते है भजन लिरिक्स

जो भी भला बुरा है श्री राम जानते है भजन लिरिक्स

0
जो भी भला बुरा है, श्री राम जानते है, बन्दे के दिल में क्या है, मेरे राम जानते है, जो भी भला बुरा हैं, श्री राम जानते है।bd। आता कहाँ...
उसे आना पड़ेगा खाटू में दोबारा लिरिक्स

उसे आना पड़ेगा खाटू में दोबारा लिरिक्स

0
ऐसा है हारे का सहारा, लगता है सबसे ही प्यारा, जिसने इसे निहारा, उसे आना पड़ेगा, खाटू में दोबारा।bd। तर्ज - तेरा साथ है कितना प्यारा। खाटू के दरबार में, जो...
मेरे शीश के दानी जैसा कोई नहीं भजन लिरिक्स

मेरे शीश के दानी जैसा कोई नहीं भजन लिरिक्स

0
दानी में सबसे बड़े दानी, मेरे शीश के दानी जैसा कोई नहीं, मेरे श्याम के जैसा कोई नहीं, मेरे बाबा के जैसा कोई नहीं, दानी में सबसे बड़े...
मत कर मोह तू हरि भजन को मान रे लिरिक्स

मत कर मोह तू हरि भजन को मान रे लिरिक्स

0
मत कर मोह तू, हरि भजन को मान रे तू, हरि भजन को मान रे।bd। देखे - हरि नाम नहीं तो जीना क्या। नयन दिए दर्शन करने को, श्रवण...
चल खाटू चलिए श्याम भजन लिरिक्स

चल खाटू चलिए श्याम भजन लिरिक्स

0
ग्यारस की है पावन रात, बन जाएगी बिगड़ी बात, चल खाटू चलिए, चल खाटू चलिए।bd। देखे - आयी ग्यारस की पावन रात। अपना लो श्याम मुझे अब तो, मेरा कोई...
एक दीन गंगा रे तीरे मिलग्या दो बिछड्‌या प्राणी लिरिक्स

एक दीन गंगा रे तीरे मिलग्या दो बिछड्‌या प्राणी लिरिक्स

0
एक दीन गंगा रे तीरे, मिलग्या दो बिछड्‌या प्राणी। दोहा - सूरज टले चंदो टले, और टले जगत व्यवहार, पण व्रत हरिशचंद्र रो ना टले, ना टले रे सत्य...
error: कृपया प्ले स्टोर से भजन डायरी एप्प इंस्टाल करे