मंदिर से दौड़ी चली आऊंगी,
कोई दिल से पुकारे,
मंदिर से दौड़ी चली आऊँगी,
कोई दिल से पुकारे।bd।
पहला संदेसा मेरे रामा का आया,
रामा का आया धनुषधारी का आया,
सीता का रूप धर आऊंगी,
कोई दिल से पुकारे,
मंदिर से दौड़ी चली आऊँगी,
कोई दिल से पुकारे।bd।
दूजा संदेसा मेरे विष्णु का आया,
विष्णु जी का आया चक्रधारी का आया,
लक्ष्मी का रूप धर आऊंगी,
कोई दिल से पुकारे,
मंदिर से दौड़ी चली आऊँगी,
कोई दिल से पुकारे।bd।
तीजा संदेसा मेरे भोले का आया,
भोले का आया मेरे शंकर का आया,
गौरा का रूप धर आउंगी,
कोई दिल से पुकारे,
मंदिर से दौड़ी चली आऊँगी,
कोई दिल से पुकारे।bd।
जब भी संदेसा मेरे भक्तो का आया,
भक्तो का आया मेरे सेवक का आया,
दुर्गा का रूप धर आउंगी,
कोई दिल से पुकारे,
मंदिर से दौड़ी चली आऊँगी,
कोई दिल से पुकारे।bd।
मंदिर से दौड़ी चली आऊंगी,
कोई दिल से पुकारे,
मंदिर से दौड़ी चली आऊँगी,
कोई दिल से पुकारे।bd।
Singer : Lajwanti Pathak
Sent By : Alka Tiwari






Suprb ✌✌??
Bahut mast hai man ko prsann Karnevala hai ye bhajan….??