डिगी रे सरवरीया थारी पाल भजन लिरिक्स

डिगी रे सरवरीया थारी पाल,
पाळ तो चढो ने निची उतरू,
उतर तिरा घसीया बाई रा पाव,
चढ तिरी घस गी चिटु आगली,
डिगी रे सरवरीया थारी पाळ।।



गेरी गेरी आम्बलिया री साव,

जिण पर बेठो एक सुवटो,
सुआ मारे धरमीयो रो विर,
देखे नी विरो सा ने आवतो,
सुवो बेठो उसली री डाल,
पिछम धरा ने सुवे जोवियो,
डिगी रे सरवरीया थारी पाळ।।



झीणी झीणी उडे रे गुलाल,

जुना गढ रे मारगा,
रथड़ा रा पड़े रे पड़ाव,
बेलया रा वाजे छम छम घुघरा,
राधा जी रो समके सिर,
क्रष्ण जी रो मोळियो,
डिगी रे सरवरीया थारी पाळ।।



उतरी बाई सरवरिये री पाल,

आडी ने फिर ने पुछीयो,
कठोड़े रा कहिजो सिरदार,
कठोड़े रा कहिजो थेतो राजवी,
मथुरा रा कहिजो सिरदार,
गोकुल गढा रा मेतो राजवी,
डिगी रे सरवरीया थारी पाळ।।



किण रे मेतो आया मिजमान,

किण रे सिबरत पावणा,
श्रि रंग जी रे आया मिजमान,
नरसी भगत रे पावणा,
डिगी रे सरवरीया थारी पाळ।।



कुण विरा करसी थारा कोड,

किण रा गितडला सुवावणा,
नेनी बाई करसी म्हारा कोड,
उणरा रे गितडला सुवावणा,
फेरयो हरजी माथे उपर हाथ,
नेनी ओडाई बाला चुदड़ी,
डिगी रे सरवरीया थारी पाळ।।



डिगी रे सरवरीया थारी पाल,

पाळ तो चढो ने निची उतरू,
उतर तिरा घसीया बाई रा पाव,
चढ तिरी घस गी चिटु आगली,
डिगी रे सरवरीया थारी पाळ।।

गायक – प्रेम गोस्वामी बाड़मेर।
9799880344
प्रेषक – श्रवण गोस्वामी।


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Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

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