हो आज लक्ष्मन पड़ा निष्प्राण है भजन लिरिक्स
                    हो आज लक्ष्मन पड़ा निष्प्राण है पङा,
निष्प्राण है पड़ा हो आज लक्ष्मन,
(तर्ज :- हो आज मौसम बड़ा ... फि॰ लोफर)
हो आज लक्ष्मन पड़ा निष्प्राण...                
            अब चलना मुश्किल हो गया कि करिए कि करिए भजन लिरिक्स
                    अब चलना मुश्किल हो गया कि करिए कि करिए,
( तर्ज :- दिल चोरी सांटा हो गया )
शेर :-
जा रहे हनुमत नभ से कर मेँ...                
            जिद अपनी छोड़ भजन लिरिक्स
                    जिद अपनी छोड़, जिद अपनी छोड़
 ( तर्ज :- वादा न तोड़ )
ज़िद अपनी छोड़, ज़िद अपनी छोड़
 तेरी सोने की लंका उजड़े ऽऽऽ...
...                
            मिलन आज तक था हमारा तुम्हारा रही ज़िन्दगी तो मिलेंगे दोबारा
                    मिलन आज तक था हमारा तुम्हारा,
रही ज़िन्दगी तो मिलेंगे दोबारा,
रही ज़िन्दगी तो मिलेंगे दोबारा,
मिलन आज तक था हमारा तुम्हारा।bd।
अरमानो के दिप जले है,
हमको सच्चे...                
            कलयुग ये कैसी उल्टी गंगा बहा रहा है भजन लिरिक्स
                    कलयुग ये कैसी उल्टी गंगा बहा रहा है,
 माता पिता को शरवण ठोकर लगा रहा है,
 माता पिता को शरवण आँखे दिखा रहा है।bd।
पहले...                
            अमलीड़ो बाबो अम्लिडो राजस्थानी भजन लिरिक्स
                    अमलीड़ो अम्लिडो अम्लिडो अम्लिडो
 बाबो अम्लिडो बाबो अमलीड़ो,
 भक्ता ने लागे बालो,
 भक्ता ने लागे प्यारो,
 म्हारो राम रुणिचे वालो,
 बाबो भोलो अमलीड़ो,
 अम्लिडो...                
            जगत प्रीत मत करियो रे मनवा भजन लिरिक्स
                    जगत प्रीत मत करियो रे मनवा,
 जगत प्रीत मत करियो,
 हरी वादा से डरियो रे मनवा,
 जगत प्रीत मत करियो।bd।
ये जग तो माया की...                
            इस ज़माने में कलेजा तक हिला देते हैं लोग भजन लिरिक्स
                    इस ज़माने में कलेजा तक,
 हिला देते हैं लोग,
 सगे भाई को जहर हँसकर,
 पिला देते हैं लोग,
 मुर्दा भी काँप उठे,
 जिन्दा जला...                
            हर बात को भूलो मगर माँ बाप मत भूलना भजन लिरिक्स
                    हर बात को भूलो मगर,
 माँ बाप मत भूलना,
 उपकार इनके लाखों है,
 इस बात को मत भूलना।bd।
तर्ज - बाबुल की दुआएं।
धरती पर देवो...                
            कलयुग बैठा मार कुंडली जाऊँ तो मैं कहाँ जाऊँ भजन लिरिक्स
                    कलयुग बैठा मार कुंडली,
 जाऊँ तो मैं कहाँ जाऊँ,
 अब हर घर में रावण बैठा,
 इतने राम कहाँ से लाऊँ।bd।
दशरथ कौशल्या जैसे,
 मात पिता...                
             
            









