सत्संग बड़ी संसार में कोई बड़भागी नर पाया भजन लिरिक्स
सत्संग बड़ी संसार में,
कोई बड़भागी नर पाया।bd।
संगत सुधरे वाल्मीकि,
जग की परित् लगी फीकी,
रामायण दी रच निकी,
साठ सहस्र विस्तार मे,
फिर निर्भय होकर गुण गाया।bd।
पूर्व जन्म...
सतरी संगत म्हाने दीजो रे गुरूजी भजन लिरिक्स
सतरी संगत म्हाने दीजो रे गुरूजी,
दोहा - संत हमारी आत्मा,
ने मै संतन की देह,
रोम रोम में रमरया,
प्रभु ज्यु बादल मे मेष।
सतरी संगत म्हाने दीजो...
सैया आज पूनम की है रात गई रे सतसंगत में लिरिक्स
सैया आज पूनम की है रात,
गई रे सतसंगत में,
सईयाँ आज पूनम की है रात,
गई रे सतसंगत में,
मारा सिमरत पकडी बाय,
भिगोई घेरा रंग में,
सुरता आज...
सत्संग वह गंगा है जिसमे जो नहाते है भजन लिरिक्स
सत्संग वह गंगा है,
जिसमे जो नहाते है,
सत्संग वो गंगा है,
जिसमे जो नहाते है,
पापी से पापी भी,
पावन हो जाते है,
पापी से पापी भी,
पावन हो जाते...
सत्संग करणी रे सत्संग री महिमा वेदा वरणी रे
सत्संग करणी रे,
सत्संग री महिमा,
वेदा वरणी रे,
सत्संग करनी रे।bd।
सत्संग किनी मीराबाई,
भोजा जी ने परणी रे,
गुरु मिलिया रविदास जी,
कृष्ण वरणी रे।
हां रे सत्संग करनी रे,
सत्संग...
सतरी संगत सुख धारा राजस्थानी भजन लिरिक्स
सतरी संगत सुख धारा,
दोहा - सतसंग यु समझा रही,
के ले सतगुरु री ओट,
सतगुरु बिना मिले नही,
बीरा थारा मन री खोट।
थारा मन री खोट,
मुर्ख क्यु...
सत्संग अमर जड़ी राजस्थानी भजन लिरिक्स
सत्संग अमर जड़ी,
जो कोई लाभ लियो सत्संग को,
वाने खबर पढ़ी,
जग में सत्संग अमर जड़ी।bd।
नरसी सत्संग करी पीपा जी की,
सुई पर बात अड़ी,
56 करोड़ को...
सत री संगत गंगा गोमती भजन लिरिक्स
सत री संगत गंगा गोमती,
सुरसत काशी प्रयागा हो,
लाखो पापीड़ा इणमे उबरे,
डर जमड़ो भागा हो,
सत रीं संगत गंगा गोंमती रे हा।bd।
ए भई ध्रुवजी और प्रहलाद...
भरती होजा रे सत्संग में थारो भाग खुलेला रे लिरिक्स
भरती होजा रे सत्संग में,
थारो भाग खुलेला रे।bd।
जनम मरण को देश परायो,
मृत्यु वेला रे,
सुंदर काया कंचन थारी,
छोड़ चलेला रे,
भर्ती होजा रे सत्संग में,
थारो भाग...
चाल सखी सत्संग में चाला सत्संग में सतगुरु आसी लिरिक्स
चाल सखी सत्संग में चाला,
दोहा - तपस्या बरस हजार की,
और सत्संग की पल एक,
तो भी बराबर ना होवे,
गुरू सुखदेव कियो विवेक।
कौण जगत में एक...