राजस्थानी भजन

Rajasthani Bhajan Lyrics

थे मोटा दातार रामदेव सारो जग बिख्यारी हैं रामदेवजी भजन

थे मोटा दातार रामदेव सारो जग बिख्यारी हैं रामदेवजी भजन

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थे मोटा दातार रामदेव, सारो जग बिख्यारी हैं, हाथ जोडकर धणीया थाने, चरना अरज ऊजारी है, जय हो बाबा जय हो बाबा, जय हो रामा धणी, म्हारी आस पूरा दे, बाबा...
पेड़ पकडने चढ म्हारा बीरा रे भजन लिरिक्स

पेड़ पकडने चढ म्हारा बीरा रे भजन लिरिक्स

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पेड़ पकडने चढ म्हारा बीरा ओ, पेड पकडने चढ म्हारा बीरा ओ, जमको ने तू मती झेले ए, सत्य वचन री डोर पकड़ ले, सत्य वचन री डोर...
सरवरिया री तीर खड़ी नानी नीर बहावे है भजन लिरिक्स

सरवरिया री तीर खड़ी नानी नीर बहावे है भजन लिरिक्स

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सरवरिया री तीर खड़ी, आ नानी नीर बहावे है, जामण जाए वीर बिना कुण, भात भरण न आवे है।bd। एक दिन मारो भोलो बाबुल, अरबपति कहलायो तो, अन धन रा...
मन तू अब तो समझ म्हारा भाई देसी चेतावनी भजन लिरिक्स

मन तू अब तो समझ म्हारा भाई देसी चेतावनी भजन लिरिक्स

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मन तू अब तो समझ म्हारा भाई, बार बार समझाऊँ मारा मनवा, छोड़ दे पापा पाई।bd। इच्छा पाप ने परो त्याग दे, मनसा पाप लग जाई, भ्रम को धागों...
अँखियाँ रा तारा म्हारा प्राण आधारा रे सोजा म्हारा लाल

अँखियाँ रा तारा म्हारा प्राण आधारा रे सोजा म्हारा लाल

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अँखियाँ रा तारा म्हारा प्राण आधारा रे, आँखीया रा तारा म्हारा प्राण आधारा रे, म्हारे नैणा नाचे थारा उणियारा रे, सोजा म्हारा लाल सोजा म्हारा लाल, सोजा म्हारा...
पन्ना आंगनीया में फूले दो दो फूलडा पन्नाधाय गाथा

पन्ना आंगनीया में फूले दो दो फूलडा पन्नाधाय गाथा

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पन्ना आंगनीया में, फूले दो दो फूलडा। दोहा - सूरज सिंह पन्ना पति, अंगरक्षक राणा साथ, पूर्ण भरोसो पावियो, महाराणा दिन रात। उदयसिंह रो जन्म वीयो, रानी कर्मवती री कोख, पन्ना जायो...
आन बान मर्यादा राखन जीवन बनगो जंग रे

आन बान मर्यादा राखन जीवन बनगो जंग रे

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आन बान मर्यादा राखन, जीवन बनगो जंग रे, आन बान मर्यादा राखन, जीवन बनगो जंग रे, सांगा के सौ घाव शरीरा, आभूषण ज्यु अंग रे, हाथ कट्यो कद पाव कट्यो...
ए आयी तपते मझ दोपार पन्ना की माता

ए आयी तपते मझ दोपार पन्ना की माता

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ए आयी तपते मझ दोपार, पन्ना की माता पन्ना की माता, करे गुजरी गढ के द्वार, अरज अन्नदाता, ए राणा उठीया जठ संग्राम, बाई ने बुलावो बाई ने बुलावो, जावो...
बांदरी ही विने खा गयो बिच्छु पातर पटरानी पद पाई

बांदरी ही विने खा गयो बिच्छु पातर पटरानी पद पाई

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बांदरी ही विने खा गयो बिच्छु, दोहा - १५३५ मे हाडी तजीया शरीर, जौहर जगती जाल में, कूद गई धर धीर, नजर कैद कर नृप ने, भूप भयो बनवीर, दासी...
घनन घननन घंटा बाजे चामुण्डा के द्वार पर भजन लिरिक्स

घनन घननन घंटा बाजे चामुण्डा के द्वार पर भजन लिरिक्स

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घनन घननन घंटा बाजे, चामुण्डा के द्वार पर, रूके यहाँ पर कालरात्रि, चंडमुंड को मार कर, रूके यहाँ पर कालरात्रि, चंडमुंड को मार कर।bd। निर्मल जल की धारा में, पहले जाकर...
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