बरजोरी करो ना,
मोसे से होरी में,
बरजोरी करों ना,
मोसे से होरी में।bd।
अबीर गुलाल मलो मुख ऊपर,
रंग मिलावत रोरी में,
बरजोरी करों ना,
मोसे से होरी में।bd।
आधी रात तुम कहवा से आए,
धरि जहैओ कहीं चोरी में,
बरजोरी करों ना,
मोसे से होरी में।bd।
कहत छबीले निडर भए छैला,
लिए फिरत रंग झोरी में,
बरजोरी करों ना,
मोसे से होरी में।bd।
बरजोरी करो ना,
मोसे से होरी में,
बरजोरी करों ना,
मोसे से होरी में।bd।
स्वर – पं. छन्नूलाल मिश्रा।
प्रेषक – शिवकुमार शर्मा।
9926347650