बजरंगबली ने झूम के,
जलवा दिखा दिया,
सोने से जड़ी लंका को,
एक पल में जला दिया।bd।
तर्ज – तुम जो चले गए तो।
दुनिया को जो जलाए,
मुख में उसे दबाए,
कितनी है तुझ में शक्ति,
कोई समझ ना पाए,
लड्डू समझ के सूरज को,
मुख में दबा लिया,
सोने से जड़ी लंका को,
एक पल में जला दिया।bd।
सीता की खबर लेने,
तुम उड़ गए थे लंका,
लंका में तुमने जा के,
सबका बजाया डंका,
अभिमानी शीश रावण का,
तुमने झुका दिया,
सोने से जड़ी लंका को,
एक पल में जला दिया।bd।
मंगल के दिन तुझको,
तेरे भक्त सब मनाए,
घी और सिंदूर लाके,
तेरे अंग पर लगाए,
किरपा करी जो ‘गिरधर’ को,
चरणों से लगा लिया,
सोने से जड़ी लंका को,
एक पल में जला दिया।bd।
बजरंगबली ने झूम के,
जलवा दिखा दिया,
सोने से जड़ी लंका को,
एक पल में जला दिया।bd।
– लेखक गायक एवं प्रेषक –
गिरधर महाराज जी।
संपर्क – 9300043737






Suraj mukh mein daba liya