तुम पग पग पर समझाते,
हम फिर भी समझ न पाते,
ये कैसा दोष हमारा,
हम गलती करते जाते।bd।
जय श्री श्याम श्री श्याम,
जय श्री श्याम श्री श्याम।
तर्ज – तुझे सूरज कहूं या चंदा।
नादानी जी को जलाएं,
व्याकुलता बढ़ती जाए,
बैरी मोहन मन मेरा,
मुझे क्या क्या रंग दिखाये,
रंगो के रंगमहल मे,
हमे नित नये सपने आते,
ये कैसा दोष हमारा,
हम गलती करते जाते।bd।
जय श्री श्याम श्री श्याम,
जय श्री श्याम श्री श्याम।
प्रभु निश्चय अटल बना दे,
विश्वास का रंग चढा दे,
गुण गाऊंगा मैं तेरा,
मेरे सारे दोष मिटा दे ,
निर्बलता से मै हारा,
मुझे क्यो न सबल बनाते,
ये कैसा दोष हमारा,
हम गलती करते जाते।bd।
जय श्री श्याम श्री श्याम,
जय श्री श्याम श्री श्याम।
प्रभु हार गया अब आवो,
मुझे आकर सबल बनाओ ,
दामन असुवन से भीगा,
‘नंदू’ यूँ न अजमाओ,
है शर्म प्रभु हमें खुद पर,
हम फिर भी चलते जाते,
ये कैसा दोष हमारा,
हम गलती करते जाते।bd।
जय श्री श्याम श्री श्याम,
जय श्री श्याम श्री श्याम।
तुम पग पग पर समझाते,
हम फिर भी समझ न पाते,
ये कैसा दोष हमारा,
हम गलती करते जाते।bd।