छलिया बड़ो री कन्हैया,
मैं कैसी करूं,
छलिया बडो री कन्हैया,
मैं कैसी करूं।bd।
सिर धरी मोरी,
दही की मटकियां,
फोरी मार कंकरियां,
मैं कैसी करूँ,
छलिया बडो री कन्हैया,
मैं कैसी करूं।bd।
नैन चलावै,
करै बरजोरी,
वो हलधर कौ भैया,
मैं कैसी करूँ,
छलिया बडो री कन्हैया,
मैं कैसी करूं।bd।
लाख बताऊं पर,
एक न माने,
भोली यशोदा मैया,
मैं कैसी करूँ,
छलिया बडो री कन्हैया,
मैं कैसी करूं।bd।
छलिया बड़ो री कन्हैया,
मैं कैसी करूं,
छलिया बडो री कन्हैया,
मैं कैसी करूं।bd।
रचनाकार एवं गायक – मनोज कुमार खरे।