मैं मस्ताना सकल दीवाना,
पाव पलक री है भगति,
हीरो हेरिया हीरो हाथ नही आवे,
शीश उतार लड़ो कुश्ती।bd।
राजा शिवरे प्रजा शिवरे,
परघर शिवरे पार्वती,
शेष पियाला राजा बाशग शिवरे,
खोजन पावे रही।bd।
ओहग सोहंग बाजा बाजे,
सोहंग महल की आ मुगति,
शोभाराम एक दीपक जलता,
झिलमिल जोता जाग रही।bd।
अनहद मैं तो आप बिराजो,
सब धणिया की है गिणती,
पुंगल गढ़ में पखावज बाजे,
सब धणिया की है भगति।bd।
साधु वे तो घर मे हेरो,
बेर कोई भटको मती,
केवे कबीर सा सुनो जति गोरख,
अलख लिखे सो खरा जती।bd।
मैं मस्ताना सकल दीवाना,
पाव पलक री है भगति,
हीरो हेरिया हीरो हाथ नही आवे,
शीश उतार लड़ो कुश्ती।bd।
गायक / प्रेषक – श्यामनिवास जी।
9983121148






Masat he