ऊँचे पर्वत मैया का दरबार है भजन लिरिक्स

ऊँचे पर्वत मैया का दरबार है,
भक्तों का यहाँ होता बेड़ा पार है,
मेरी मैया आदभवानी जगदम्बे,
इसके चरणों मे झुकता संसार है,
ऊँचे पर्वत मईया का दरबार है,
भक्तों का यहाँ होता बेड़ा पार है।।

तर्ज – दूल्हे का सेहरा।



मैया के दर पे तू अपने,

सर को झुका के देख,
बिगड़ी पल में संवर जाएगी,
तू आजमा के देख,
कर देती खुशियों की ये बौछार है,
भक्तों का यहाँ होता बेड़ा पार है,
ऊँचे पर्वत मईया का दरबार है,
भक्तों का यहाँ होता बेड़ा पार है।।



ममता की मूरत मेरी माँ,

है भोली भाली,
भर भर माल खजाने लुटा,
भरती झोली खाली,
प्रेम से माँगो माँ से नही इंकार है,
भक्तों का यहाँ होता बेड़ा पार है,
ऊँचे पर्वत मईया का दरबार है,
भक्तों का यहाँ होता बेड़ा पार है।।



चिन्ता दूर करती मेरी,

चिन्तपूर्णी माँ,
मत घबरा तू दौड़ के,
माँ की शरण में आ,
इसके होते किसी की ना दरकार है,
भक्तों का यहाँ होता बेड़ा पार है,
ऊँचे पर्वत मईया का दरबार है,
भक्तों का यहाँ होता बेड़ा पार है।।



माँ सी शीतल माँ सी निर्मल,

ना कोई जग में,
‘रूबी रिधम’ बसा ले माँ को,
तू अपनी रग रग में,
चारो दिशा में गूँज रही जयकार है,
भक्तों का यहाँ होता बेड़ा पार है,
ऊँचे पर्वत मईया का दरबार है,
भक्तों का यहाँ होता बेड़ा पार है।।



ऊँचे पर्वत मैया का दरबार है,

भक्तों का यहाँ होता बेड़ा पार है,
मेरी मैया आदभवानी जगदम्बे,
इसके चरणों मे झुकता संसार है,
ऊँचे पर्वत मईया का दरबार है,
भक्तों का यहाँ होता बेड़ा पार है।।

Writer / Upload – Ruby Garg (Ruby Ridham)
9717612115
Singer – Kanchi Bhargava


Previous articleतू दयालु दीन हों तू दानी हों भिखारी भजन लिरिक्स
Next articleमाँ ऊँचे पर्वत वाली करती शेरो की सवारी भजन लिरिक्स
Shekhar Mourya
Bhajan Lover / Singer / Writer / Web Designer & Blogger.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here